बुधवार, 6 जून 2012

गजलक इस्कूल भाग-54

गजलमे समाजिकता

कोनो साहित्यिक विधाकेँ सिखबाक लेल प्रेम सभसँ नीक विषय होइत छै। कारण प्रेममे सभ किछु आबि जाइत छै। मुदा ऐ संसारमे मात्र प्रेमे टा नै छै... बल्कि घृणा, मारि-पीट, हत्या, भ्रष्टा-चार आदिसभ सेहो छै। नाना प्रकारक कुरीति सभ सेहो छै जकर विषय गजल भए सकैत अछि। हम हरेक गजलकारसँ आग्रह करब जे ओ आब गजलमे पारंगत भए चुकल छथि। आब प्रेम छोड़ि कने एहू विषय पर धेआन देबै तँ ई गजल लेल नीक हेतै।

एकटा आर खास बात अहाँ सभ जेना जनै छी की गजलक हरेक शेर अलग-अलग भाव पर होइत छै तँ गजल हमेशा अलग-अलग भाव बला शेरसँ बनाबू। किछु गजलकार एकै भाव बला शेरसँ गजल बना दै छथि से कने दोषपूर्ण बला बात। तँ आउ आब गजल संसारकेँ आब कने विस्तार दी।

गजलकेँ लए कए जे जते समर्थन आ विरोधमे अवाज उठत से स्वागत योग्य अछि।

आ हम खास कए ओमप्रकाश, अमित मिश्रा आ चंदन झासँ बहुत बेसी आशा लगेने छी।
ऐ तीनूगोटेसँ एकटा आर आग्रह जे घर-घरारी बला झगड़ा आब साहित्यिक क्षेत्रमे सेहो आबि गेल छै तँ जँ केओ दिआद-बाद वा अहाँ सभहँ गौंआ सभ कोनो प्रकारक उपद्रव करै छथि। एहन स्थिति उत्पन्न करै छथि जाहिसँ अहाँक लिखब बन्द भए जाए आ गाम मे हुनक नामक पताका फराइत रहन्हि तँ कृप्या अहाँ सभ घबराबए नै ओहन-ओहन लोकसँ कन्नी काटि लेब। कारण एहन लोकने किछु करताह आ ने अहाँकेँ करए देताह।....
· · · 14 May at 12:07
    • TapannKumar Dutta आशीषजी ,शायद ठीक कहैत छि अपने
      14 May at 12:51 via Mobile · · 1
    • Om Prakash Jha Ashish bhai, apnek baat boojhi rahal chhi. Apekshit sudhaarak sang gajal yaatra chalait rahat humar. Gajalak prem mon me jagrit rahat, se vishwaas diyaabai chhi.
      14 May at 16:20 via Mobile · · 1
    • Ashish Anchinhar निश्चित रूपसँ भाइ। गजल तँ चलिते रहतै। ओना एकटा बात जरूर कहब---- जिनका माछ नै खएब अबै छन्हि आ जनिक कंठमे काँट फँसि जाइ छन्हि हुनका वैष्णव बनबाक कोनो अधिकार नै बल्कि हुनका अपन खेबाक तरीकामे सुधार लेबाक चाही। तथापि जँ ओ लोकनि वैष्णव बनए चाहैत छथि तँ स्वागत छन्हि मुदा एहन-एहन लोककेँ अपना मोन पर वश नै रहैत छै आ मच्छहट्टामे घुमैत जरूर पकड़ाइ छथि। जिनका रसगुल्ला पकड़ने नै एतन्हि से रसगुल्लासँ भड़कबे ने करताह। तथापि गजल चलैत रहतै।......
    • Om Prakash Jha Haan yau. Bes gup kahaliye.
      14 May at 16:34 via Mobile · · 1
    • Amit Mishra हमर गजल यात्रा एनाहिते चलिते रहत । कारण हम जानै छी जे गीत आ गजल छोड़ि आन विधा हमरा सँ पढ़ाइ के संग संख नै सम्भव अछि । मात्र अपने सबहक मार्ग दर्शन भेटैत रहैए से आशा करैत छी
      14 May at 18:35 via Mobile · · 2
    • Chandan Jha मोन केर बात सदति लिखिते रहब
      चौबटिया ठाढ़ गजल कहिते रहब
      14 May at 22:36 · · 2
    • Chandan Jha जिनगीक बाट कतबो गड़ै काँट-कूश
      हँसिते गुलाब सन गमकिते रहब

      समाजो बरु घिसिऔत हमरा कादो मे
      कदबे कमल बनि फुलाइते रहब
    • Chandan Jha गजल-४४

      मोन केर बात सदति लिखिते रहब
      चौबटिया ठाढ़ गजल कहिते रहब

      जिनगीक बाट कतबो गड़ै काँट-कूश
      हँसिते गुलाब सन गमकिते रहब

      समाजो बरु घिसिऔत हमरा कादो मे
      कदबे कमल बनि फुलाइते रहब

      बरू कतबो झाँट-बिहाड़ि ऐत रस्ता मे
      मुदा तैयो दीप आसक लेसिते रहब

      'चंदन' पाथर समाजक छाती पिजाय
      कलमक धार सँ शत्रू हनिते रहब

      --------------वर्ण-१५-----------


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों