प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल----
उठल कछमछी तँ पेदार भ' गेलौं
बीतल उमिर आब बेकार भ' गेलौं
पढ़बाक समय गेल रंगदारीमे
आब लेखनीक केर वफादार भ' गेलौं
धुआँइत देखा रहल बाट सगरो
जेना लगैए सूखल सेमार भ' गेलौं
जीवन काटब भेल बहुत मोश्किल
आब लागए जेना मँझधार भ' गेलौं
आखर-----14
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