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प्रेम बदलत जँ नदी के धार त' मानब
भरत खाधि हटाएत अन्हार त' मानब
जीवनक पथ पर पग पग कष्ट भेटै छै
जीवन भरि देत हँसी उधार त' मानब
प्रेम बदलत जँ नदी के धार त' मानब
भरत खाधि हटाएत अन्हार त' मानब
जीवनक पथ पर पग पग कष्ट भेटै छै
जीवन भरि देत हँसी उधार त' मानब
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