गुरुवार, 21 जून 2012

गजल






गजल-५९

नयनक काजर नोरघोरिकऽ मोसि बनेलौ

भाव करेजकआखर-आखर लिखि पठेलौ


बुझलहुँ अहाँविदेश मे जाकऽ खूब कमेलौ

मुदा कहू कीगामहि सन नेह ओत्तहु पेलौ ?


छै सुविधा कनेकम्म गाम मे शहर अपेक्षा

मुदा,की कहियोसूच्चा भोजन शहर मे खेलौ ?


हम बेकारेदेखि-देखि सपना रैन गमेलौ

अपन जुआनीअहीँ आस मे बेरथ गमेलौ


आन बुझैत छीहमरा आहाँ कोनो बात नहि


"चंदन"मुदा कोना केमाय-बाबू के बिसरलौ ?


---------------वर्ण-१७-------------

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों