शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

गजल

पुन: जोडि लेबै नेहकेँ डोर राजा जी
कनेको बहै नै जानकेँ नोर राजा जी

कने आउ राजा जानि नै की भ' जेतै यौ
कनेको नचाबू प्रेमकेँ मोर राजा जी

किए सुन्न भेलौं आइ बेमौत मारै छी
ने आइ मस्तीमे करू शोर राजा जी

जमाना मिलेतै नै सुनू बैलगा देतै
अनाड़ी बुझै छै प्रेम छै चोर राजा जी

चटा देब संगे प्यार के चाशनी हमरा
अमीतो बुझू भेलै सराबोर राजा जी
हरेक पाँतिमे "फऊलुन-मफाईलुन" केँ दू बेर प्रयोग मने फऊलुन-मफाईलुन-फऊलुन-मफाईलुन अर्थात UII-UIII-UII-UIII सँ बनल बहरे तवील।
अमितो केर वज्न गायनमे बढि " अमीतो" होइत छै।
तेसर शेरक पहिल पाँतिमे "प्रथा" शब्दमे "प्र" संयुक्त अछि आ तँए ओहि शब्दसँ पहिने बला शब्द "कोन" केर "न" लघु रहितो दीर्घ मानल जाएत।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों