अनचिन्हार आखर
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
सोमवार, 20 फ़रवरी 2012
रुबाइ
प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक रुबाइ---
कसमकस सन जिनगी जीब कतेक दिन
इ कहू खूनक घोंट पीब कतेक दिन
भाइ जँ जीबाके अछि तँ जीबू एना
देखू जेना जिबै छै माछ पानिक बिन
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