डेगे-डेग ओ जमीन नापि रहल
कतS बिछाबी आसन भाँपि रहल
जनता कए ठगबाक लेल देखू
राम नामक राग अलापि रहल
भूत आ चाची कए डाईन बता कS
जोतषी बनि रूपैया छापि रहल
साँझ ओकर डेरा पर गेलौँ देखू
मांस मदिरा लुंगी सँ झाँपि रहल
कने पाखंडी जे हम कहि देलियै
देखू "अमित" कए शरापि रहल
आइ पकड़लक जखन पुलिस
देखू कोना थर-थर काँपि रहल
अमित मिश्र
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