कुमुदिनी पर भँभर किये मंडराईय
यौ पिया कहू नए दिल किये घबराईय
भँभर कुमुदिनी सं मिलन करैत छैक
ये सजनी अहांक दिल किये घबराईय
मोनक बगिया में नाचैय मोर मयूर यौ
मोनक उमंग सं दिल किये घबराईय
अहाँक रोम रोम में अछि प्रेमक तरंग
प्रेमक तरंग सं दिल किये घबराईय
प्रीतक बगिया में कुहकैय छैक कोईली
मधुर स्वर सुनी दिल किये घबराईय
मोन उपवनमें भरल प्रीतक श्रिंगार
मिलन कय बेर दिल किये घबराईय
...............वर्ण:-१६...............
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट
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