अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
मुखपृष्ठ
अनचिन्हार आखरक परिचय
गजल शास्त्र आलेख
हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
भजनपर गजलक प्रभाव
अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
समीक्षा/आलोचना/समालोचना
गजल सम्मान
गजलकार परिचय शृखंला
गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
विश्व गजलकार परिचय शृखंला
छंद शास्त्र
कापीराइट सूचना
अपने एना अपने मूँह
गजलक इस्कूल
गजलकार
अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
आन-लाइन मोशायरा
आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
Maithili Ghazal Books Download
शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012
गजल
हमर अहाँक संग भेल
सवय संसार तंग भेल
रहल शराब निसा नहि
एकर कतेक रंग भेल
परल मचान पर छलौं
अपन चुमान संग भेल
अपन पबैत संग
छलौं
सगर कपार चंग भेल
भरल एतेक रंग देख
हमर करेज दंग भेल
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-
१२)
जगदानन्द झा 'मनु' : गजल संख्या-
१५
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें