शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

गज़ल


पेट मे भल खड़ नै हिनका मुदा सिंघ मे तेल छै
माय कहै बौआ हमर नुनुआगर, बुरलेल छै

जीटजाट फ़ीटफ़ाट, मारय सीटल बिछान सन
मारल कंघी लटुरिया जुल्फ़ मे गमकै फुलेल छै

जेहने चढ़ल पंथ बौआ तेहने होइन्ह संगति
तीन खेप मैटरिक फेल दोस, फेलो मे फलेल छै

लभ लिखल फ़ोनटेन लभे उकारल कुंजी-झावा
लभ घसल तरहैत तँ कामदेवक गुलेल छै

तीर तरकस सँ लैस बोआ चलला शिकार पर
कान्ह पर हाथ देनय संगबै भजारी टंडेल छै

अंगना घरक नुनुआ छथि सड़क पर उचक्का
भरल चालि ढ़ालि मे अवरपनीक अटखेल छै

"शांतिलक्ष्मी" देखय छत पर षोडषीक काकचेष्ट
बाट ठाढ़ बौआक आंखि मे बकोध्यानक झमेल छै

.........वर्ण १९........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों