बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल---



भेटलै सरकारी नौकरी जिनगी नेहाल भ' गेलै
प्रूफ पढ़ि संपादक कहेबा लेल बेहाल भ' गेलै

रंगकर्म केर ज्ञानक बिन पिटए डंका सगरो
मैथिली रंगकर्म क्षेत्रक ओ बुझू दलाल भ' गेलै

मारि अंघोरिया तकै प्रायोजक खरचा-पानि लेल
मैथिली केर नाम बेचि बुझू जे मालो-माल भ' गेलै

रंगोत्सवमे लागै सर्वभाषा रंगमंचनक भीड़
देखू जे अपन भाषाक नाटकक अकाल भ' गेलै

आखर---19

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों