प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल--
इ लोक कहैत हो किच्छो मुदा एहन बात भेल छै
जाहि नगरसँ गेल बिहारी ओ मसोमात भेल छै
आएल सुबुद्धि अपन श्रमकेर बूझल महत्व
आब तँ अपनो राज्यमे विकासक परात भेल छै
देखू जकरा नामपर माँगल गेलै सुख-सुविधा
देशमे ओ बेचारा तँ बहुत दिनसँ कात भेल छै
बोनिहार बिन अछि डुबल कतेको कंपनी देशमे
आब बुझू जे सभ अहंकारीकेँ पक्षाघात भेल छै
दोसरक बलें रहैए ओ बहुत कुदैत-फनैत
मुन्ना तँए साहित्यो ओकर बापक जिरात भेल छै
आखर-----19
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