प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल---------
धार एखन धरि तँ उफानपर अछि
लोक ताका-ताकी करैत बान्हपर अछि
नहि जानि किओ केखनो जाएत भसिया
किओ कोठा पर किओ मचानपर अछि
कोठो बलाकेँ तँ नै बकसथिन्ह कमला
दूनू बगलीक बान्ह कटानपर अछि
भोर होइते मचि गलै गरद-मिसान
कोठा आ मड़इया दूनू भसानपर अछि
आखर-१५
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