आगि लागल जेना हो बजारेमे
भांग घोरल जेना हो इनारेमे।
हम सूतल,पड़ल,निश्चिन्त छी
चुट्टी लागल जेना हो भराड़ेमे।
कोनाक' रहब सुखसं,शान्तिसं
बितैत गेल जिनगी नियारेमे।
नाचैए लोक घेरायल बाढिमे
ओ देखू मगन अछि उधारेमे।
मरि-मरिक' जीयब आबो कोना
अनिल सूनू गजल इशारेमे।
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रविवार, 5 फ़रवरी 2012
गजल
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गजल,
jagdishchandra thakur 'Anil'
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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