शुक्रवार, 4 मई 2012

गजलकार परिचय शृखंला भाग-1

जीवन झा

आधुनिक मैथिलीक पहिल गजलकार।

परिचय----स्व.जीवन झा जन्म हरिपुर (हरिपुरबा ??) गाम ( प्रखंड-सरायरंजन, समस्तीपुर ) मैथिली अकादमीसँ प्रकाशित कविवर जीवन झा रचनावलीक जन्म आ मृत्यु 1848-1912 छनि, काशीराजक दानाध्यक्ष पदपर बहुत दिन रहथि, हिनक चारिटा नाटक सुन्दर संयोग, नर्मदा सट्टक, मैथिली सट्टक आ सामवती पुनर्जन्म।सामाजिक विषयपर मैथिली नाटक लिखबाक प्रारम्भ ईएह केलनि, संस्कृत परम्परा रखैत फारसीसँ प्रभावित हिनकर नाटक अछि, नाटकक बीचमे ई गीत-गजल दै छला।
जन्मक कोनो तिथि नै अछि। हिनक मृत्यु इ.1912 (सन् 1319) केर बैशाख शुक्ल सप्तमीकेँ अंग्रेजी तिथि-२३-४-१९१२ भेलन्हि। हिनक गजल प्रस्तुत अछि| प्रस्तुत गजल हिनक सुन्दर संयोग नाटकसँ लेल गेल अछि जे की 1905 इ. मे लिखल गेल छल।


कविवर जीवन झाक नाटक सुन्दर संयोगसँ लेल मैथिलीक पहिल गजल

सुन्दर संयोग चतुर्थ अंकमे लेखक स्वयं (गजल) कहि एकरा सम्बोधित कएने छथि।
(गजल)
आइ भरि मानि लिअऽ नाथ ने हट जोर करू।
देहरी ठाढ़ि सखी हो न एखन कोर करू ॥१॥

हाय रे दैव! इ ककरासँ कहू क्यो न सुनै।
सैह खिसिआइए जकरा कनेको सोर करू ॥२॥

लाथ मानै ने क्यो सभ लोक करैए हँसी।
बाजऽ भूकऽ ले जँ कनेक जकर सोझ ओठ करू ॥३॥

जाइ एखन ने धनी एक कहल मोर करू।
आन संगोर करू एहि ठाम भोर करू ॥४॥


( मैथिली गजल शास्त्र आलेख भाग-९सँ साभार )

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों