गुरुवार, 24 मई 2012

गजल

प्रस्तुत अछि स्वाती लाल जीक ई गजल



मिथिला राज के माँग जे उठलै नकाब ओकरा उतारैत देखलौ
कहै छलै हमर धर्म छै मिथिला नया धर्म अपनाबैत देखलौ

समाज केना सहि रहल छै तालिबानी पाएर पसारैत देखलौं
निर्दोष सब के खून स ओकरा अपन पियास बुझाबैत देखलौं

तरह तरह के मदारी सब के डम डम डमरु बजाबैत देखलौं
ककरो अखण्ड ककरो खण्ड खण्ड स्वतँत्र टुकडा माँगैत देखलौं

अपन स्वार्थ के खातीर किछु के नीत नव सपना बाँटैत देखलौं
हमरो चाही हमरो चाही किछु के सपना माँगैत देखलौं

“रा-वन” सब के फेसबुक पर राम कथा हम बाचैत देखलौं
राजनिती के केसिनो मे मानवता के हारैत देखलौं

आन'क घर के "भगत" शहीद होय देश राग हम गाबैत देखलौं
शहीद सब के लास पर चढि क’ ओकरा कुर्सी पाबैत देखलौं

फुटलै चुडी माँग उजडलै करेज हम हूनकर फाटैत देखलौं
राम ने औता घुरि क’ तैयो आस मे सीया के काँनैत देखलौं

एक तरफ फेरो भीड छै लागल ओहने मँच सजाबैत देखलौं
कहिं कोनो बच्चा ने होइ फेरो टुग्गर मने मन डराइत रहलौं ll

(आई जे हम लिखने छी से फेसबुक पर पब्लिकली पोष्ट भेल ई चित्र सब देखला के बाद, एकटा मे शहीद दीपेन्द्र दास के पत्नी अपन छोटका बेटा के साथे दोसर मे शहीद दीपेन्द्र दास'क जेठका बच्चा जे बेटा होबै के अन्तिम कर्तब्य पुरा करै के लेल इहे उमर मे बाध्य भ गेल , … लोक शहीद भ'जाइत छैथ, छोडि जाइत छैथ अपन लोक के लेल शब्द मे ब्यक्त नै होबै बाला मानबिय बेदना...सब शहीद के श्रधाँजली के साथे परिबार प्रति समबेदना सहित हमर आइ के ई पोष्ट समर्पित l )

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों