12
प्रेम कोना करब केऊ अपन नै छै
दोस्त दुश्मन बनि सदिखन धोखा दै छै
नोरक मोल के जानै छै जग भरि मे
करेजक खून मोनक मीत पी लै छै
अमित मिश्र
प्रेम कोना करब केऊ अपन नै छै
दोस्त दुश्मन बनि सदिखन धोखा दै छै
नोरक मोल के जानै छै जग भरि मे
करेजक खून मोनक मीत पी लै छै
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें