हजल
गुरूजी बैसलाह खोलि खटाल
चेलवा बनलनि गुरू घंटाल ।
घूर जरौलन्हि पोथी केर टाल
दूध बेचि कऽ देखू भेला नेहाल ।
ईसकुल जाऽकऽ भेलाह कंगाल
माल पोसिकऽ भेलाह मालामाल।
पशुगणना कऽ फुटलनि भाल
पशुपालन सँ रुपैयाक टाल ।
घी-दूध पीबि भेलनि देह लाल
आब अखाड़ा बिच ठोकथि ताल ।
गुरुआनिक गजबे रंगताल
ठोरक संग-संग रांगथि गाल ।
गुरुजी बैसलाह खोलि खटाल
ज्ञानक पूँजीओ गेलनि पताल ।-------वर्ण-१२-----------
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