गुरुवार, 31 मई 2012

गजल



अहाँक यादि मे नै पिबै छी शराब
अहाँक यादि लेए किनै छी शराब

पड़ै जँ मोन मुस्की भरै छी गिलास
हजार बूँद मे फेनबै छी शराब

जा धरि छै बोतल मे अहाँक फोटो
पैग पर पैग चढ़बै छी शराब

आइ लिखब शराबक एगो ग्रंथ
प्रेम पत्र घोरि बनबै छी शराब

छी शराबी हम , कहू सब शराबी
प्रेमी छी तेँए त' उठबै छी शराब

घुरि क' आबू पियाबू हाथ सँ साकी
"अमित"क ठोर सटबै छी शराब

वर्ण-13
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों