बाल-गजल-८
दऽ रहल छी अपन शपथ, नै कानू बौआ
लेबनचूस लऽ पप्पा औताह, कुचरे कौआ
हम तऽ माय छी सत्ते,मुदा बेबस लाचारे
कीनि खेलौना देब कतऽसँ,नहि अछि ढौआ
भरना लागल खेत, महाजन के तगेदा
फेर कोना के सख पुरौताह बाप कमौआ
अहीँ पुरायब सख सेहन्ता आस धेने छी
अहीँ जुड़ायब छाती बनिकऽ पूत कमौआ
कबुला,पाती,विनय,नेहोरा, करैछी भोला
बेलपात "चंदन" चढ़ायब खूब चढ़ौआ
--------वर्ण-१६----------
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