आखर पांती लय छी बैसल किछु भाव दिय लिखि गीत प्रिये
हाड़ पांजर लय छी बैसल किछु प्राण दिय मनमीत प्रिये
जीवन यात्रा सुगम करू अहां संग चलू अहां संग चलू
ली काटि बाट एहि जीवन कें छै बिछडब एकर रीत प्रिये
गदह पचीसी भवसागर कें पार करब अछि कठिन बहुत
कर्तव्य पालन करैत अहां संग हमहु जायब जीत प्रिये
वृद्धावस्था बैसल दुहुजन विगत जिनगी इयाद करब
व्यवस्थित बालक और सून घर जीवन भ गेल रीत प्रिये
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