बुधवार, 30 मई 2012

गजल


आखर पांती लय छी बैसल किछु भाव दिय लिखि गीत प्रिये
हाड़ पांजर लय छी बैसल किछु प्राण दिय मनमीत प्रिये

जीवन यात्रा सुगम करू अहां संग चलू अहां संग चलू
ली काटि बाट एहि जीवन कें छै बिछडब एकर रीत प्रिये

गदह पचीसी भवसागर कें पार करब अछि कठिन बहुत
कर्तव्य पालन करैत अहां संग हमहु जायब जीत प्रिये

वृद्धावस्था बैसल दुहुजन विगत जिनगी इयाद करब
व्यवस्थित बालक और सून घर जीवन भ गेल रीत प्रिये

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों