प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल-------------
जीता-जिनगी श्मसान सन लगैए लोक
मरियो क' फिरीसान सन लगैए लोक
महँगाइसँ खूने नै हड्डियो सुखाइए
आब झुलैत मचान सन लगैए लोक
नित नव दाँव खेलि क' बितबैए समय सभ
हक छीनि बलबान सन लगैए लोक
देखनिहारो आब नै अछि केओ केकरो
सहारा द' भगवान सन लगैए लोक
लगा क' लगानी मठोमात भेल छी हम
घुरबैमे यजमान सन लगैए लोक
आखर-----15
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