अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
गुरुवार, 31 मई 2012
रुबाइ
11
जिनगीक नशा घटबै छी पी क' शराब
क्षणिक तड़प के भगबै छी पी क' शराब
बूझै छी छै अमृतक बोतल भरल इ
विरहक रचना बनबै छी पी क' शराब
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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