A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
ढोलक धम-धमा-धम बजैत किएक छै
घुँघरू खन-खना-खन खनकैत किएक छै
दुनू भीतरसँ छैक एक्केसन खाली
दुनू अपन गप्प नहि बुझैत किएक छै
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