जाति पाति पर आब हम नहि लड़ब यौ
हम मैथिलपुत्र मिल क' आगु बढ़ब यौ
अप्पन माटि पानि पर आब जीयब हम
प्राण अप्पन छोरब वचन नै तोरब यौ
बाहर बहुत छैक दूध मलाई राखल
मडुआ रोटी नून लेल सभटा छोरब यौ
खून पसीना सँ अप्पन धरती पटाएब
मेहनत सँ सोना उपजा कय रहब यौ
बिसरल मान सम्मान फेर सँ जगाएब
दुनिआक नक्सा में 'मनु' फेर सँ उठब यौ
वर्ण-१६
जगदानन्द झा 'मनु' : गजल संख्या - ५०
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