गुरुवार, 21 जून 2012

गजल


गजल -५३

ककरो तऽजुन्ना आँत भेल छै

केयो खा-खाअप्सयाँत भेल छै


पिसा रहलैदेशक जनता

कानूने-व्यवस्थाजाँत भेल छै


बुड़िबके लोकनेता बनलै

विकास नेनाकखाँत भेल छै


समाज बुड़लैबरु खत्ता मे

संसद भोजकपाँत भेल छै

------------वर्ण-११-----------

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों