गुरुवार, 21 जून 2012

गजल


गजल-५२

मोनक बातमोनहि मे रखैत छी

चुप्पी लाधिहम जिनगी कटैत छी


चकमक जगत,लागल चौन्हलोकके

घर अन्हारचैनक निन सुतैत छी


झूठक लेल आमिललोक छै पिने

हम सत्तोजनेबा ले कुथैत छै पिने


बेचल खेतडाबर-डीह गुजर ले

तैयो केस कित्ता दस लडैत छी


जुन्ना जड़लऐंठन एखनो बचल

"चंदन"बोल तै ऐंठल बजैत छी

२२२१ २२२१ २१२

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों