गजल-३६
किछु बात एहन
जे कना गेल हमरा
जिनगीक नव
माने सिखा गेल हमरा
सपनाक दुनिया
छलहुँ झूलैत झूला
तखनहि उठल
बिर्ड़ो जगा गेल हमरा
पालन अपन
पेटक करैए कुकूरो
आनोक हित जीबू
बुझा गेल हमरा
अप्पन हरख
हरखित रहैछै सभ क्यो
अनके दुखहि
कानब बता गेल हमरा
"चंदन"मनुज
जीवन बितै नहि अकारथ
जिनगीक सभ
मकसदि गना गेल हमरा
2212-2212-2122
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