गजल-३७
नैनक नीर भीजल
चीर जमुना तीर मे
करेजा क्षीर
सींचल वीर जमुना तीर मे
बैसल नीड़ कूक
अधीर जमुना तीर मे
लागल भीड़ मूक
बहीर जमुना तीर मे
आसक सीर सुखै
नै नीर जमुना तीर मे
चासक सीर गरै
छै सीर जमुना तीर मे
देशक वीर भेल
फकीर जमुना तीर मे
नेताक भीड़
गिरैछै खीर जमुना तीर मे
सनले खून
द्रौपदी चीर जमुना तीर मे
लागल घून काया
प्रवीर जमुना तीर मे
------वर्ण-१६-------
"जमुना तीर अर्थात दिल्ली अर्थात पहिनेक हस्तिनापुर" सीर-जड़ि, जोतल खेत मे
हरक चेन्ह,
हड्डी
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