बुझाइ नै अछि बात जे कोन अभिप्राइ छै
कटै अपनोकेँ पाछू ने कोनो सम्प्रदाइ छै
गनै अछि पाइ केर सदिखन आँखि खोलि
काजक बेरमे देखिऔ लागत औंघाइ छै
मातल छै दिनोमे कैंचाक जोगारक लेल
मंगनी बला काजकेँ पुछिऔ तँ खौंझाइ छै
सटू किरानी बाबूसँ घूस केर गप्प लेल
पाइ लैते अनर्गलो काज पूरा भ' जाइ छै
संत रहै छै सभ उपरसँ देखलापर
पकड़ेला पछातिये किओ चोर कहाइत छै
आखर---16
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