साफ बात कहब त नहि होएत कोनो भरम
सत्य बात कहबा मे करब किया कोनो शरम
प्रियगर बात लगै नीक चाहे सानल फूसि मे
बाजब नीक सत्य ई बना लिय अपन धरम
मामा यदि कहबै अहां सिनेह भेटत प्रचूर
बापक सार कहब यदि भ जेता सब गरम
ऋषिगण अपन कहि गेला जे बाजू सत्य प्रिय
अप्रिय सत्य बाजब त कूटब अपन करम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें