शनिवार, 12 मई 2012

गजल


साफ  बात कहब त नहि होएत कोनो भरम
सत्य बात कहबा मे करब किया कोनो शरम

प्रियगर बात लगै नीक चाहे सानल फूसि मे
बाजब नीक सत्य ई बना लिय अपन धरम

मामा यदि कहबै अहां सिनेह भेटत प्रचूर
बापक सार कहब यदि भ जेता सब गरम

ऋषिगण अपन कहि गेला जे बाजू सत्य प्रिय
अप्रिय सत्य बाजब त कूटब अपन करम

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों