रविवार, 6 मई 2012

गजल

किछु बात एहन जे कना गेल हमरा
विसरल दरदिया जे जगा गेल हमरा
छल रौद मे उभरैत ओ चित्र केकर
शाइद चिन्हारे पर जड़ा गेल हमरा
छल मोन मे नै कहब ककरो दरद हम
चर्चा हुनक सुनिते बजा गेल हमरा
नै छी नशेरी छै नशा विरहके यौ
बहलै इयादक झर पिया गेल हमरा
देखल जखन फूटैत बड बमक गोला
रोआँ जड़ल देहक घमा गेल हमरा
चाहै छलौँ कोनो रचब गजल नेहक
पर "अमित" नोरक धुन लिखा गेल हमरा
मुस्तफइलुन-मुस्तफइलुन-फाइलातुन
2212-2212-2122
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों