बाल गजल
सखी सब चल तोड़ब आमके गै
सफेदा गाछपर फेकब झामके गै
भयानक रौद जड़बै छै चामके गै
करब वनभोज छै बड़का जामके गै
ठकै छै फेँकि ढेपा नव नामके गै
"अमित" कतरा कते हेतै दामके गै
1222-1222-2122
वहरे-करीब-
सखी सब चल तोड़ब आमके गै
सफेदा गाछपर फेकब झामके गै
बहै छै पवन केहन मीठगर छै मन
भयानक रौद जड़बै छै चामके गै
कने ले बरफ बोतल मे पानि भरि ले
करब वनभोज छै बड़का जामके गै
झहड़तै मारतै चोभा जखन कौआ
ठकै छै फेँकि ढेपा नव नामके गै
अपन झोरी भरल हेतै साँझमे गै
"अमित" कतरा कते हेतै दामके गै
मफाईलुन-मफाईलुन-फाइलातुन
1222-1222-2122
वहरे-करीब-
अमित मिश्र
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