सोमवार, 21 मई 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल-------------



आधुनिक तकनीकिये केओ सेर-सवा सेर अछि

पारंपरिक वितपनि भेनाइ सेहो अन्हेर अछि


मुदा ई परंपरे निमाहता करत जिनगीकेँ

जेना नाव सदिखन तकैत धारक कछेर अछि


वैश्वीकरण केर दौड़मे सभटा भेल छिन्न-भिन्न

जतै देखू आँखि उठा ततै लागल कूड़ा ढ़ेर अछि


लोक तैयो तँ लगबैत सन देखाइए अंध-दौड़

मुदा वास्तविक संस्कारे-परंपरा बेर-बेर अछि


आखर-----19

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों