सोमवार, 7 मई 2012

गजल


गजल-३४

मिथिला राजक खातिर मैथिल लड़बे करतै

खूनसँ भिजलै धरती मिथिला बनबे करतै


निज मातृभूमि उत्थानक हेतु लड़िते रहतै

मायक लाजक खातिर संतति मरबे करतै


मिथिला-मैथिल-मैथिलीक स्वाभिमानक रक्षार्थ

निज प्राणहु के उत्सर्ग मैथिल करबे करतै


कमला-गंगा-कोशी-गंडकक सप्पत खा' मैथिल

अलगहि राजक सपना पूरा करबे करतै


जेतै ने ब्यर्थ बलिदान आब कोनो बलिदानी के

"चंदन" ठोस प्रतिकार मैथिल करबे करतै

-------वर्ण-१८-------

मिथिला-मैथिल-मैथिली अस्मिताक रक्षाक हेतु लड़निहार,समस्त बलिदानी के समर्पित.

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों