आँचरक छाँव बिसरल नै आब जेतै
अंङुरी छुटल टहलल नै आब जेतै
दर्द दोसरक देखल नै आब जेतै
कात सुरसरिक छोड़ल नै आब जेतै
नेह कैलाश बहकल नै आब जेतै
तोर छवि छोड़ि भटकल नै आब जेतै
रूसलौँ माँ त' चहकल नै आब जेतै
2122-1222-2122
बहरे-असम-
अमित मिश्र
अंङुरी छुटल टहलल नै आब जेतै
देखलौँ माँ जखन दर्द वाण सहलेँ
दर्द दोसरक देखल नै आब जेतै
गीत तूँ तूँ गजल आनंदक लहर छेँ
कात सुरसरिक छोड़ल नै आब जेतै
धैर्य के बानगी माँ तूँ एहि जग मे
नेह कैलाश बहकल नै आब जेतै
डाँट तोहर त' देखेलक बाट हमरा
तोर छवि छोड़ि भटकल नै आब जेतै
हमर अपराध हेबे करतै बहुत माँ
रूसलौँ माँ त' चहकल नै आब जेतै
फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुध
2122-1222-2122
बहरे-असम-
अमित मिश्र
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