प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल-------------
केकरो अंगियाबी तँ गात बनि क'
कहियो जँ बही तँ बसात बनि क'
घर अछि उदाम तँ कोनो बात नै
अहाँ झाँपी तँ खढ़-पात बनि क'
बदरी लादल रहै कोनो बात नै
जदि बरसी तँ बरिसात बनि क'
जँ रखबै भूखल तँ कोनो बात नै
जँ भरब पेट तँ खैरात बनि क'
आब नै मानै छै केओ ठोरसँ ऐठाँ
तँए तँ सगरो जाउ लात बनि क'
आखर-----13
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