सोमवार, 21 मई 2012

गजल

प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक गजल-------------



नजरि उठा क' देखबै तँ खाली बुझाएत ई दुनियाँ

नजरि गरा क' देखबै तँ सभ देखाएत ई दुनियाँ


अहाँ केखनो नै करू सवारी दू नाहक एकै बेरमे

जँ करबै तँ बाबूबिच्चे धारमे डुबाएत ई दुनियाँ


संगतुरियाकेँ दबेबाक पाप भरल अछि मोनमे

जानू केखनो अन्हरियामे धकेलि आएत ई दुनियाँ


ऐ ठाम भ्रष्टाचारीक केर नेतमे खोट अछि सदिखन

आब तँ कहियो एकर कुर्सी पलटाएत ई दुनियाँ


आखर-----20

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों