हमर कमाई कोन कोनामे परल अछि
मंत्री घरमे बैमानीक सोना गरल अछि
गरीब बनि गेल आई जब्बहकेँ बकरी
चिकबा धनिकाहा गामे गाम फरल अछि
डाका परै परोसमे जँ सुतलौं निचैनसँ
ई निश्चय बुझू आत्मा हमर मरल अछि
ढोंगी भक्तकेँ नहि निकलै रुपैया दानमे
भरि थारी लेने खंड माछक तरल अछि
शहर नहि 'मनु' गाम गामकेँ चौकपर
मनुखसँ सजि शराबखाना भरल अछि
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१६)
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