गुरुवार, 23 अगस्त 2012

गजल

गजल

कहियो दिवाली त कहियो रमजान मनि गेल
मंदिर आ मस्जिदक नामे त देश हक़नि गेल

पाहिले एक्कहि गाछक दु गोट ठैढ छल दुनू
आइ काल्हि एक दोसर सँ अनजान बनि गेल

छल संगहि संग कष्ट सह्बाक काल सदिखन
सुखक घड़ी म सनकल आ अरारि ठनि गेल

राम आर रहीम म कोनो अंतर कहाँ छलैक
धर्मक नामे तहन कोना शोणित तपनि गेल

होली म खाइत पुआ आ ईदक सेवई बँटाय
मुल्ला आ पंडित मुदा सभटा स्नेह दफनि गेल

भगवान आ अल्लाह त एक्कै बना पठौने छला
नहिं जानि कोना हिन्दू आ मुसलमान बनि गेल

गाँधी जिन्ना नेहरु आ गफ्फार सबहक "राजीव"
सनकी सभ दंगा फसाद कए मान हनि गेल

(सरल वार्णिक बहर,वर्ण-१८)
राजीव रंजन मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों