शुक्रवार, 17 अगस्त 2012

गजल



चुप्प रहलासँ दुनियाँ नीक मानै छै
देख लिअ गाम घर शमसान लागै छै

घैल छै फूटल मुदा छै पानि के चिन्ता
देश तेँए सुखारक हाल जानै छै

आँपरेसन भऽ गेलै छोट सन घावक
चोट जकरा बहुत से हकन कानै छै


मोन मानै कहाँ छै जे अड़ल रहतै
घोषणा मदति के सुनि लोक फानै छै

जाड़ि देलक सभ ज्ञानसँ भरल पोथी
देखियौ "अमित" केहन समय आनै छै

फाइलातुन-मफाईलुन-मफाईलुन
2122-1222-1222
बहरे-मुशाकिल

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों