गुरुवार, 23 अगस्त 2012

गजल

बाल गजल-42

एलै हमर गाममे नव खेला बला
डमरू बजाबैत एलै बेला बला

छै भीड़ लागल बहुत भारी उमस छै
मिल छोड़बै जाम के सब मेला बला

छै ढोल बजबैत बानर बुधियार छै
खिस्सा कहै छै गुरू आ चेला बला

नै देब टाका तऽ देखाबै पेट छै
माँगै जलेबी रसिक गुड़ ढेला बला

उजरा कुकुर छोट डिब्बापर चढ़ल छै
लुझलक अनारस दबारै ठेला बला

मुस्तफइलुन-फाइलातुन-मुस्तफइलुन
2212-2122-2212

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों