गुरुवार, 23 अगस्त 2012

गजल


भक्ति गजल

प्रगटल कृष्ण कन्हैय्या सभ गाबै बधैय्या छथि
मंगल दीप जराबै जन्मल रास रचैय्या छथि

नारद जी नाचथि आर संग में ब्रम्हा जी नाचथि
तिर्पित सभ छै शंकर जी नाचै ता ता थैय्या छथि

गोकुल में सभ मिलि ढोल बजाबै मगन भए
नर नारि बिहूँसि क' सगरो गाबै सवैय्या छथि

नन्दराय दुन्नू हाथे लुटाबै छथि हीरा आ मोती
स्नेह विभोर भ' निहूँछथि यशोमति मैय्या छथि

साधू संत सभ हरषि धाओल चंहु दिसि सँए
कष्ट निवारण ला आयल माखन खबैय्या छथि

सगरो ब्रज गोकुल हरिआओल रातहिं राति
मोर मुकुट धारी त' संसारक रखवैय्या छथि

चेतथि अपना के कंस आ दुर्योधन सभतरि
आयल मनमोहन कालिया नाग नथैय्या छथि

"राजीव" मगन भए मनबय कृष्ण जन्मोत्सव
दैत सभके सगरो कृष्णाष्टमिक बधैय्या छथि

(सरल वार्णिक बहर,वर्ण-१८)
राजीव रंजन मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों