प्रस्तुत अछि मुन्ना जीक ई बाल गजल
शुन्य भेल स्वप्न नुका क' राखू
अपन संस्कार जोगा क' राखू
अछि सूट-बूट शिक्षोमे लागू
मोनकेँ मैथिल बना क' राखू
कंप्यूटर गेम अछि सुन्नर
मगज टटका बना क' राखू
नेना लक्ष्यहीन नहि हुअए
तकर जोगार धरा क' राखू
केकरो बानि रहए केहनो
हृदेसँ अपन बना क' राखू
वर्ण----11
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