-39
हमर गामक लोक सुनऽ बनबै गबैया
ता धिनक धिन आइ तूँ हूँ करबऽ भैया
हमहुँ जानै छी अलापक भेद सबटा
हमर गामक लोक सुनऽ बनबै गबैया
ता धिनक धिन आइ तूँ हूँ करबऽ भैया
हमहुँ जानै छी अलापक भेद सबटा
गीत सुनि तूँ केलऽ झूठे बाप दैया
पोखरिक मोहारपर अभ्यास करबै
कोइली आ गाछ मिल बनतै नचैया
आइडल मे जीतबै आ नाम करबै
देश परदेशसँ बुझलऽ एतै बधैया
फिलम मे गेबै हिरो मिथिलाक बनबै
गजल लिख देतै "अमित" शाइर रचैया
फाइलातुन[2122] तीन बेर
बहरे-रमल
अमित मिश्र
पोखरिक मोहारपर अभ्यास करबै
कोइली आ गाछ मिल बनतै नचैया
आइडल मे जीतबै आ नाम करबै
देश परदेशसँ बुझलऽ एतै बधैया
फिलम मे गेबै हिरो मिथिलाक बनबै
गजल लिख देतै "अमित" शाइर रचैया
फाइलातुन[2122] तीन बेर
बहरे-रमल
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें