सोमवार, 27 अगस्त 2012

हजल


लाल धोती केश राँगि समधि चुगला बनला ना 
बेटा बेचि आनि बरयाती ई पगला बनला ना 

सभ बिसरि आँखि मुनि ध्यानसँ ताकथि रुपैया 
भीतर कारी बाहर उज्जर बोगला बनला ना 

खेत खड़ीहान बेच बेच पीबथि बभना तारी 
आब लंगोटा खोलि खालि ई तँ हगला बनला ना 

तमाकुल चूनबैत पसारने  दिनभरि  तास
घर आँगनक चिंता नहि ई खगला बनला ना 

जेल छोरि बाहर आबि हाथ जोरि माँगथि भोट
जितैत देरी 'मनु'केँ बिसरि दोगला बनला ना 

(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१८)  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों