लाल धोती केश राँगि समधि चुगला बनला ना
बेटा बेचि आनि बरयाती ई पगला बनला ना
सभ बिसरि आँखि मुनि ध्यानसँ ताकथि रुपैया
भीतर कारी बाहर उज्जर बोगला बनला ना
खेत खड़ीहान बेच बेच पीबथि बभना तारी
आब लंगोटा खोलि खालि ई तँ हगला बनला ना
तमाकुल चूनबैत पसारने दिनभरि तास
घर आँगनक चिंता नहि ई खगला बनला ना
जेल छोरि बाहर आबि हाथ जोरि माँगथि भोट
जितैत देरी 'मनु'केँ बिसरि दोगला बनला ना
(सरल वार्णिक बहर, वर्ण-१८)
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