कोन बिधि मरि कय हम रुपैया कमेलौं
सुख चैन निन्न रातिकेँ अपन हरेलौं
गाम घरक सबटा सऽर संबंध तियागि
बिन कसूरे बाहर वनवास बितेलौं
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
कोन बिधि मरि कय हम रुपैया कमेलौं
सुख चैन निन्न रातिकेँ अपन हरेलौं
गाम घरक सबटा सऽर संबंध तियागि
बिन कसूरे बाहर वनवास बितेलौं
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
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