बाल गजल-43
मसल्ला देल छै चल खोँटब अदौरी
चमेली सीख कोना बनतै तिलौरी
अपन खेतक लऽ आलू पापड़ बनेबै
मसल्ला देल छै चल खोँटब अदौरी
चमेली सीख कोना बनतै तिलौरी
अपन खेतक लऽ आलू पापड़ बनेबै
बगल के खाटपर चल खोँटब मुरौरी
तरूआ लेल बुचिया पीसेँ पिठारो
लगै छै नीक खस्ता फूलल कचौरी
नहा ले आब गरमसँ हेतौ घमौरी
भरल छै पानि भरलक भोरेसँ नौरी
जँ रहतौ लूरि नै भूखब रहब कहियो
रहै छै मान सासुरमे तखन छौड़ी
मफाईलुन-मफाइलुन-फाइलातुन
1222-1222-2122
बहरे-करीब
अमित मिश्र
तरूआ लेल बुचिया पीसेँ पिठारो
लगै छै नीक खस्ता फूलल कचौरी
नहा ले आब गरमसँ हेतौ घमौरी
भरल छै पानि भरलक भोरेसँ नौरी
जँ रहतौ लूरि नै भूखब रहब कहियो
रहै छै मान सासुरमे तखन छौड़ी
मफाईलुन-मफाइलुन-फाइलातुन
1222-1222-2122
बहरे-करीब
अमित मिश्र
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