बाल गजल-38
हमहुँ माखन चोर बनि रहब यौ गिरधर
संग सबटा खेल मे रमब यौ गिरधर
हमहुँ माखन चोर बनि रहब यौ गिरधर
संग सबटा खेल मे रमब यौ गिरधर
बाल हम छी आ अहूँ बाल छी मोहन
सगर आँगन गाम मे घुमब यौ गिरधर
बीच जंगल गीत गाएब बंशीपर
रौद मे जड़ि नाच हम करब यौ गिरधर
ग्वाल बनि गैया चराएब परती मे
गाछ पर चढ़ि रास चलु रचब यौ गिरधर
मात्र माखन लेल संगे रहै छी हम
"अमित" लोभी एतबे कहब यौ गिरधर
फाइलातुन-फाइलातुन-मफाईलुन
2122-2122-1222
बहरे- कलीब
अमित मिश्र
सगर आँगन गाम मे घुमब यौ गिरधर
बीच जंगल गीत गाएब बंशीपर
रौद मे जड़ि नाच हम करब यौ गिरधर
ग्वाल बनि गैया चराएब परती मे
गाछ पर चढ़ि रास चलु रचब यौ गिरधर
मात्र माखन लेल संगे रहै छी हम
"अमित" लोभी एतबे कहब यौ गिरधर
फाइलातुन-फाइलातुन-मफाईलुन
2122-2122-1222
बहरे- कलीब
अमित मिश्र
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