गजल
नैन खोलिकऽ कने देखू ने भवानी
काँट पसरल सगर सोचू ने भवानी
बाट दरबार के माँ देखल तऽ नै अछि
अंगुरी पकड़ि देखाबू ने भवानी
राति कारी बनल दिन तऽ स्याह भेलै
घोर युग समय फरिछाबू ने भवानी
झूठ छल हम कऽ मिझरेलौँ आगि पेटक
आब की करब किछु बाजू ने भवानी
एतऽ नेता पड़ल हिँसा ओतऽ भड़कल
"अमित" थाकल कहै जागू ने भवानी
फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम
अमित मिश्र
नैन खोलिकऽ कने देखू ने भवानी
काँट पसरल सगर सोचू ने भवानी
बाट दरबार के माँ देखल तऽ नै अछि
अंगुरी पकड़ि देखाबू ने भवानी
राति कारी बनल दिन तऽ स्याह भेलै
घोर युग समय फरिछाबू ने भवानी
झूठ छल हम कऽ मिझरेलौँ आगि पेटक
आब की करब किछु बाजू ने भवानी
एतऽ नेता पड़ल हिँसा ओतऽ भड़कल
"अमित" थाकल कहै जागू ने भवानी
फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम
अमित मिश्र
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