गुरुवार, 23 अगस्त 2012

गजल

 गजल

नैन खोलिकऽ कने देखू ने भवानी
काँट पसरल सगर सोचू ने भवानी

बाट दरबार के माँ देखल तऽ नै अछि
अंगुरी पकड़ि देखाबू ने भवानी

राति कारी बनल दिन तऽ स्याह भेलै
घोर युग समय फरिछाबू ने भवानी

झूठ छल हम कऽ मिझरेलौँ आगि पेटक
आब की करब किछु बाजू ने भवानी

एतऽ नेता पड़ल हिँसा ओतऽ भड़कल
"अमित" थाकल कहै जागू ने भवानी

फाइलातुन-मफाईलुन-फाइलातुन
2122-1222-2122
बहरे-असम

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों